Wednesday, March 14, 2012
बचपन की बातें
बहुत साल पहले, बचपन में
तुमने एक टहनी दी थी मुझे
बहुत सहेजकर
ले जाना, लगा देना इसे गीली मिट्टी में
और भिगोते रहना तब तक
जब तक दो-चार पत्ते ना निकल आएं
मैं वो टहनी लाया, गीली मिट्टी में उसे लगाया
खूब भिगोता रहा
सुबह उठते ही, शाम को स्कूल से वापस आते ही
मगर उस टहनी से पत्ते नहीं फूटे
मुझे यकीन नहीं हुआ, तुम झूठ थोड़े कहोगी
मैंने ही गलती की होगी
पानी डालने में या निगरानी करने में
आखिर वो टहनी सूख गई
मुझे लगा जैसे तुम मुझसे रूठ गई
सोचा था अगले साल जब फिर आऊंगा
एक नई टहनी तुमसे मांगकर लाऊंगा
पूरे जतन से उसमें पत्ते उगाऊंगा
आखिर तुम्हें यूं रूठा हुआ कैसे छोड़ पाऊंगा
उस अगले साल का अब तक इंतजार है
तुम्हें मनाने को दिल अब भी बेकरार है
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
बढियां अभिव्यक्ति
ReplyDeleteबहुत ही खूबसूरत..दिल की तह तक जाती पंक्तियाँ
ReplyDeleteThanks Mam!
Deleteबहुत अच्छा है भैया और लिखो आप ऐसे ही
ReplyDeleteबहुत अच्छा है भैया और लिखो आप ऐसे ही
ReplyDelete