इंदौर शहर में धीरे-धीरे एक महीना गुजर चुका है। जब आया था तो खबरों, फिल्मों, क्रिकेट और कुछ नामों को छोड़कर इस शहर में मेरे लिए सब कुछ नया था। बहरहाल, धीरे-धीरे परिचय का दायरा बढ़ रहा है और अब तक तो कुछ नए ताल्लुकात भी बन चुके हैं। इस बीच हाल ही में इंदौर में पांच फ्रेंच फिल्में देखने का सुयोग हुआ। रविवार पांच फरवरी को रीगल चौराहे पर स्थित प्रीतमलाल दुआ सभागृह में सूत्रधार संस्थान ने कार्यक्रम आयोजित किया था। अखबार में खबर पढ़ी और हम भी जा पहुंचे। फ्रेंच भाषा की यह पांच लघु फिल्में अंग्रेजी सब-टाइटल्स के साथ थीं। पांच फिल्मों, द लिटिल ड्रैगन, वॉकिंग, मैडागास्कर-ए जर्नी डायरी, इन ऑवर ब्लड और डिक्स थीं। इनमें मुझे खासतौर पर तीन फिल्में द लिटिल ड्रैगन, वॉकिंग और इन ऑवर ब्लड ज्यादा पसंद आईं।
द लिटिल ड्रैगन
इस फिल्म में ब्रूसली की आत्मा एक गुड्डे में प्रवेश कर जाती है। उसके बाद वह गुड्डा कैसे ऊधम मचाता है और दुनिया में अपनी पहचान बनाना चाहता है। 9 मिनट की यह फिल्म बेहद शानदार थी।
वॉकिंग
यह कहानी है एक गुजरे जमाने की अभिनेत्री मियो-मियो की। मियो-मियो अब असल जिंदगी में नानी बनने वाली है। अपने होने वाले नाती को लेकर वह बेहद असहज है और हर वक्त उसी के बारे में सोचा करती है। अपनों को लेकर हम कितना पजेसिव हो जाते हैं यह इस फिल्म में बखूबी दिखाया गया है।
मैडागास्कर- ए जर्नी डायरी
यह एक एनीमेटेड फिल्म है। यूरोपीय सैलानी मैडागास्कर की रोचक यात्रा के जरिए फिल्म में एक खास सभ्यता के बारे में बताया गया है। मुझे बहुत ज्यादा पसंद नहीं आई तो बहुत ज्यादा डिटेल भी याद नहीं।
इन ऑवर ब्लड
बमुश्किल दस मिनट की यह फिल्म को अगर इस शाम की सबसे शानदार फिल्म कहूं तो गलत नहीं होगा। एक 17 साल का लड़का अपने पिता के जुल्मो-सितम का शिकार है। लड़का थोड़ा गैर-जिम्मेदार है और उसका बाप रास्ते पर लाने के लिए जब तब उसे पीटता रहता है। इस बीच वह खुद बाप बनने वाला है। हालांकि उसका ध्यान अपनी पत्नी और होने वाले बच्चे पर कम और वीडियो गेम और म्यूजिक में ज्यादा रहता है। इस बीच उसकी पत्नी अपनी मां के पास चली जाती है। इधर घर पर अपने पिता की मारपीट को देखकर उसका दिल बदलता है और वह अपनी पत्नी के पास ज्यादा है। वहां पर वह अपने बच्चे को गोद में लेने तक को उसे डर लगता है। अपने पिता से अलग वह अपने बेटे को बहुत प्यार करता है और इस प्यार का नतीजा है कि उसे छूने से भी डरता है कि कहीं बच्चे को नुकसान ना हो जाए।
डिक्स बिफ
मार्क नाम का शख्स अजीब फोबिया से पीडि़त है। उसे हमेशा टाइल्स पर चलने की फोबिया है। उसे लगता है कि अगर वह खास ढंग से गिनकर टाइल्स पर कदम नहीं रखेगा तो वह भी टाइल्स की तरह बिखर जाएगा। काउंसलर उसका डर दूर करने में कामयाब होता है।
इन फिल्मों की संगत में शाम अच्छी गुजरी। मौका मिले तो आप भी देखिएगा।
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