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Tuesday, October 29, 2013

कॉमेडी कम सस्पेंस-थ्रिलर वाला 'मिकी वायरस' !

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ढाई स्टार एक ऐसे वक्त में जब डबल मीनिंग डायलॉग्स और अश्लील चुटकुलों से सिनेमा में हास्य पैदा करने की कोशिश की जा रही है, मिकी वायरस टेक्नोलॉजी से हंसाने की कोशिश करती है। हालांकि एक सच यह भी है कि आंशिक रूप से ही सही, इस फिल्म में भी डबल मीनिंग डायलॉग्स हैं। फिल्म की कहानी है मिकी अरोड़ा नाम (मनीष पॉल) के युवक की। वह हैकर है और खाता-पीता अपनी दुनिया में मस्त है। उसकी दोस्ती भी एेसे ही बंदों है, जो हर वक्त कंप्यूटर की दुनिया में रहते हैं। इसी दौरान दिल्ली में कुछ हैकर्स की मौत हो जाती है। इस केस को सुलझाने के लिए एसएसपी सिद्धांत मिकी की मदद लेता है।

 इसी दौरान मिकी की जिंदगी में एक लड़की कामायनी (एली अवराम) आ जाती है। मिकी पुलिस की मदद कर रहा होता है, तभी एली की मौत हो जाती है। इसके बाद कई गुत्थियां मिकी के सामने आती हैं जिन्हें वह सुलझाता है। फिल्म की कहानी और स्क्रीनप्ले अच्छे हैं। लेखक-निर्देशक सौरभ वर्मा ने अच्छा काम किया है। फिल्म हालांकि सिंगल ट्रैक पर चलती है, लेकिन ट्विस्ट और टन्र्स इसकी रोचकता बनाए रखते हैं। हालांकि पहले हाफ में कुछ सीन थोड़े उबाऊ लग सकते हैं, लेकिन दूसरे पार्ट में उन दृश्यों का महत्व समझ में आता है। फिल्म के पहले हॉफ के मुकाबले दूसरा हॉफ ज्यादा बेहतर है। यहां कहानी तेजी से भागती है और दर्शकों के सामने चौंकाने वाले राज खुलते हैं। मनीष पॉल ने मिकी के रूप में अच्छा अभिनय किया है। उन्हें देखकर कहीं से नहीं लगता कि उनकी यह पहली फिल्म है। टीवी होस्ट के तौर पर कैमरे से उनका पुराना याराना यहां उनके खूब काम आया है। वहीं इंस्पेक्टर भल्ला के रूप में वरुण बडोला ने अच्छा काम किया है।

मिकी की दोस्त चटनी के रूप में पूजा गुप्ता ने अपनी शरारतों से गुदगुदाने में कामयाबी हासिल की है। वहीं एली अवराम ने भी इस मौके को जाया नहीं किया है। हालांकि उनका रोल फिल्म के अंत तक तो नहीं रहता, लेकिन वह याद रहती हैं। पूरी फिल्म दिल्ली में शूट की गई है। यहां का माहौल कैमरे ने अच्छे से कैप्चर किया है। डायलॉग्स में दिल्ली में बोले जाने वाली भाषा और यूथ की लैंग्वेज इसे युवाओं के और करीब ले जाएगी। हालांकि अगर आप यह सोचकर जा रहे हैं कि मिकी वायरस प्योर कॉमेडी फिल्म है तो आपको निराशा होगी। इसमें कॉमेडी कम और सस्पेंस-थ्रिलर ज्यादा है। दूसरी चीज, फिल्म थोड़ी सी टेक्निकल है। सॉफ्टवेयर, हार्डवेयर, एन्क्रिप्ट, हैकिंग जैसे शब्दों से जिसका पाला न पड़ा हो, उसके लिए समझना मुश्किल होगी। युवाओं को ध्यान में रखकर बनाई है, इसलिए उन्हें पसंद आ सकती है।

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