चार स्टार
धूम सिरीज की नई पेशकश धूम-३ में सबसे बड़ा सरप्राइज पैकेज हैं आमिर खान। फिल्म की कहानी इस बार शिकागो में सेट की गई है। इकबाल खान (जैकी श्रॉफ) अपने सर्कस को बचाने के लिए जूझ रहे हैं। उन्होंने बैंक से लोन ले रखा है, लेकिन बैंक वाले मोहलत देने को तैयार नहीं हैं। सर्कस डूब जाता है और इस गम में इकबाल खान अपनी जान दे देते हैं। उस वक्त इकबाल का बेटा साहिर (आमिर खान) भी वहां मौजूद होता है। बड़ा होकर बैंक से बदला लेने के लिए साहिर उसमें कई बार चोरियां करता है। हर चोरी के बाद वह हिंदी में एक संदेश भी छोड़कर जाता है। मामले को हल करने के लिए शिकागो पुलिस भारतीय पुलिस के दो जांबाजों जय दीक्षित (अभिषेक बच्चन) और अली (उदय चोपड़ा) को बुलाती है। उधर साहिर अपने पिता के सर्कस को भी फिर से खड़ा करता है और उसके साथ आलिया (कटरीना कैफ) भी काम करने लगती है।
स्क्रीनप्ले और निर्देशन
फिल्म की कहानी में नयापन है। इसमें ढेर सारा ट्विस्ट है जो दर्शकों को बांधे रखता है। शुरुआती सीन से ही फिल्म जबर्दस्त है। फ्लैशबैक और वर्तमान की कहानी में अच्छा तालमेल बनाया गया है। हालांकि ऐसा नहीं है कि फिल्म में कमियां नहीं हैं। लॉजिक की कसौटी पर कसेंगे तो ऐसी सैकड़ों कमियां नजर आएंगी। कुछ दृश्य गैरजरूरी मालूम पड़ते हैं। खासतौर पर अभिषेक बच्चन की एंट्री वाला सीन। इसके अलावा कुछ दृश्यों में अतिरेकता का सहारा लिया गया है। बहरहाल, ड्रामा, सस्पेंस और बाइक चेजिंग के कई सीक्वेंस दर्शकों को रोमांचित करते हैं। लोकेशन और विजुअल इफेक्ट्स भी बहुत शानदार हैं।
अभिनय
आमिर खान ने फिल्म में पूरी तरह से चौंकाया है। एक्शन और स्टंट करते हुए वह काफी जमे हैं। इसके अलावा भावनात्मक दृश्यों में भी उन्होंने अपनी अदाकारी का जादू चलाया है। कटरीना कैफ खूबसूरत लगी हैं। बाकी उनके पास ज्यादा कुछ करने के लिए था ही नहीं। वहीं अभिषेक बच्चन और उदय चोपड़ा वही करते रहते हैं जो धूम सिरीज की पिछली दो फिल्मों में कर रहे थे।
गीत-संगीत
फिल्म का गीत-संगीत बहुत दमदार तो नहीं है, लेकिन गानों की पिक्चराइजेशन अच्छी है। गानों की कोरियोग्राफी भी काफी अच्छी की गई है। कमली-कमली और मलंग बाकी गानों की तुलना में बेहतर हैं।
फाइनल पंच
धूम-3 के साथ दर्शक साल का अंत धूम-धाम से कर सकते हैं। फैमिली एंटरनेटमेंट की कसौटी पर भी यह खरी उतरती है।
धूम सिरीज की नई पेशकश धूम-३ में सबसे बड़ा सरप्राइज पैकेज हैं आमिर खान। फिल्म की कहानी इस बार शिकागो में सेट की गई है। इकबाल खान (जैकी श्रॉफ) अपने सर्कस को बचाने के लिए जूझ रहे हैं। उन्होंने बैंक से लोन ले रखा है, लेकिन बैंक वाले मोहलत देने को तैयार नहीं हैं। सर्कस डूब जाता है और इस गम में इकबाल खान अपनी जान दे देते हैं। उस वक्त इकबाल का बेटा साहिर (आमिर खान) भी वहां मौजूद होता है। बड़ा होकर बैंक से बदला लेने के लिए साहिर उसमें कई बार चोरियां करता है। हर चोरी के बाद वह हिंदी में एक संदेश भी छोड़कर जाता है। मामले को हल करने के लिए शिकागो पुलिस भारतीय पुलिस के दो जांबाजों जय दीक्षित (अभिषेक बच्चन) और अली (उदय चोपड़ा) को बुलाती है। उधर साहिर अपने पिता के सर्कस को भी फिर से खड़ा करता है और उसके साथ आलिया (कटरीना कैफ) भी काम करने लगती है।
स्क्रीनप्ले और निर्देशन
फिल्म की कहानी में नयापन है। इसमें ढेर सारा ट्विस्ट है जो दर्शकों को बांधे रखता है। शुरुआती सीन से ही फिल्म जबर्दस्त है। फ्लैशबैक और वर्तमान की कहानी में अच्छा तालमेल बनाया गया है। हालांकि ऐसा नहीं है कि फिल्म में कमियां नहीं हैं। लॉजिक की कसौटी पर कसेंगे तो ऐसी सैकड़ों कमियां नजर आएंगी। कुछ दृश्य गैरजरूरी मालूम पड़ते हैं। खासतौर पर अभिषेक बच्चन की एंट्री वाला सीन। इसके अलावा कुछ दृश्यों में अतिरेकता का सहारा लिया गया है। बहरहाल, ड्रामा, सस्पेंस और बाइक चेजिंग के कई सीक्वेंस दर्शकों को रोमांचित करते हैं। लोकेशन और विजुअल इफेक्ट्स भी बहुत शानदार हैं।
अभिनय
आमिर खान ने फिल्म में पूरी तरह से चौंकाया है। एक्शन और स्टंट करते हुए वह काफी जमे हैं। इसके अलावा भावनात्मक दृश्यों में भी उन्होंने अपनी अदाकारी का जादू चलाया है। कटरीना कैफ खूबसूरत लगी हैं। बाकी उनके पास ज्यादा कुछ करने के लिए था ही नहीं। वहीं अभिषेक बच्चन और उदय चोपड़ा वही करते रहते हैं जो धूम सिरीज की पिछली दो फिल्मों में कर रहे थे।
गीत-संगीत
फिल्म का गीत-संगीत बहुत दमदार तो नहीं है, लेकिन गानों की पिक्चराइजेशन अच्छी है। गानों की कोरियोग्राफी भी काफी अच्छी की गई है। कमली-कमली और मलंग बाकी गानों की तुलना में बेहतर हैं।
फाइनल पंच
धूम-3 के साथ दर्शक साल का अंत धूम-धाम से कर सकते हैं। फैमिली एंटरनेटमेंट की कसौटी पर भी यह खरी उतरती है।