दिवाली का त्यौहार छाया हुआ है। हर तरफ जगमग जगमग। पूरी जनता मस्त है। मार्केट में ढेर सारे आफ्फर्स ने भी आये हैं इन खुशियों में चार चाँद लगाने के लिए। वैसे इन दिनों मैं भी इसी तरह के एक आफर से परेशान हूँ। दरअसल पिछले दिनों मेरे मोबाइल का टैरिफ ख़त्म हो गया। अभी तक मैं पे पर सेकंड वाले प्लान के मुताबिक चल रहा था। सोचा अबकी कुछ नया आजमाते है। यही सोच कर मैंने कस्टमर केयर में फ़ोन लगाया। वो साहब तो फिर शुरू ही हो गया। ये आफर, वो आफर , न जाने कौन कौन से आफर। काफी देर तक सोचने के बाद मुझे एक प्लान जम गया और मैंने उसे ही आजमा लिया। अब ये और बात है कि फिर से मैं ये सोच सोच कर परेशान हूँ कि फलां आफर ज्यादा बढ़िया था।
वैसे सिर्फ मोबाइल ही क्यों। आफर का बाज़ार तो हर जगह सजा है। किसी गली कूचे में निकल जाइये बस बहार ही बहार । टीवी से लेकर मोबाइल, बर्तन, कपडा, हर जगह। कहीं १० परसेंट कि छूट है तो कहीं ५० परसेंट तक आफ । लूटने का पूरा मौका बिखरा पड़ा है। कैसी अजीब बात है ना कि तमाम कम्पनियां खुद को लुटवाने को तैयार बैठी है। आओ आओ हमें लूटो, लूट आफर, नोच खसोट के ले जाओ। और पब्लिक भी मौका ताड़े बैठे है। चलिए अच्छा है। वो लुटवा रहे हैं, आप भी लूटिये।
कौन किसे लूटता है सभी जानते हैं ?????
ReplyDelete- विजय