tag:blogger.com,1999:blog-7186168247047134126.post4366861989619896440..comments2023-11-05T15:19:04.964+05:30Comments on दीपक की बातें: अनाकरली...डिस्को क्यों चली?deepakkibatenhttp://www.blogger.com/profile/14301325134751200493noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-7186168247047134126.post-46050123913500419722012-04-12T18:58:29.412+05:302012-04-12T18:58:29.412+05:30घोर कलयुग है जो कुछ न हो जाय थोड़ा ही है !:)घोर कलयुग है जो कुछ न हो जाय थोड़ा ही है !:)Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7186168247047134126.post-63306527546300489522012-04-09T13:15:32.608+05:302012-04-09T13:15:32.608+05:30सवाल दर सवाल हैं पोस्ट में। दरअसल सिनेमाई गीतों मे...सवाल दर सवाल हैं पोस्ट में। दरअसल सिनेमाई गीतों में मार्केट रेपो का खयाल रखा जा रहा है, कह सकते हैं यूएसपी ढूंढी जा रही है। म्यूजिक चार्ट में आगे बने रहने के शाब्दिक तिकरमों का सहारा लिया जाता है और अनारकली का डिस्को जाना इसका एक नमूना भर है। परेशान होने की बात नहीं है क्योंकि इस दौर में भी बड़ी प्यारी नज्में पिरोयी जा रही है। उम्मीदों की लौ जलाए रखें और ऐसे गीतों को नजरअंदाज कर दें..Girindra Nath Jha/ गिरीन्द्र नाथ झाhttps://www.blogger.com/profile/12599893252831001833noreply@blogger.com